छावा - शिवाजी सावंत 14th Edition महाभारत के प्रमुख पात्र कर्ण के जीवन पर आधारित अमर उपन्यास "मृत्युजंय" के बाद मराठी के सशक्त कथाकार शिवाजी सावंत की एक और अनुपम कृति है "छावा"। "छावा" एक वृहद ऐतिहासिक उपन्यास है। इसमें छत्रपति शिवाजी के पुत्र महाराज शम्भाजी के जीवन-संघर्ष का अद्भुत एवं रोमांचकारी चित्रण है। सावंत जी की बारह वर्ष की कठिन तपःसाधना और चिन्तन से ही इस कृति को एक भव्य स्वरूप प्राप्त हो सका है। जिस लगन के साथ लेखक ने इस उपन्यास के लिए पठन-पाठन और पर्यटन द्वारा सामग्री संकलित की है वह इसे एक ऐसी प्रमाणिकती प्रदान करती है कि यह उपन्यास दुर्लभ शोध-सामग्री की विषय-वस्तु भी बन गया है। महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत, मराठा साम्राज्य के स्वर्णिम इतिहास को रूपाकृति देने वाला यह उपन्यास हिन्दी पाठक-जगत् में भी बहुत समादृत हुआ है। प्रस्तुत है उपन्यास का यह एक और नया संस्करण। सावंत जी गुजरात राज्य सरकार का "साहित्य अकादमी" भारतीय ज्ञानपीठ का "मूर्तिदेवी पुरस्कार" "आचार्य अत्रे प्रतिष्ठान पुरस्कार", पुणे सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं। यह ‘राजगाथा’ श्रद्धासहित समर्पित है इन्द्रायणी और भीमा सरिताओं को, जिन्होंने अपनी अगणित जल-लहरियों को नेत्र बनाकर, समय को साक्षी रखकर, तुलापुर ग्राम में देखा था कि यदि अवसर आ ही पड़े तो एक मराठा शूर राजा साक्षात् मृत्यु का भी किस प्रकार स्वागत करता है।