Ucchatar Samaj Manovigyan (Advanced Social Psychology in Hindi) by Muhammed Suleman उच्चतर सामान्य मनोविज्ञान ‘उच्चतर सामान्य मनोविज्ञान’ का पंचम संशोधित एवं परिवर्द्धित संस्करण आपके हाथ में है जो छात्रों एवं सहकर्मियों के सुझाव एवं अपने पठन-पाठन की अनुभूतियों पर आधृत है। सामान्य मनोविज्ञान की यह एक ऐसी पुस्तक जो नवीनतम शोधों एवं प्रयोगों के परिणाम के विश्वलेषण पर आधारित होने के अलावा एक मुश्त बी.ए. ऑनर्स, एम.ए. के छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-ही-साथ विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे UGC के NET (राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा), JRF तथा विभिन्न राज्य के राज्यस्तरीयपात्रता परीक्षण (State Level Eligibility Test) के परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी है। इस पुस्तक को चौदह अध्यायों में बाँटकर लिखा गया है। प्रत्येक अध्याय में जिन बिंदुओं पर विचार किया गया है, उनका विश्लेषण काफी सूक्ष्म रूप से एवं गहनता पूर्वक किया गया है। इस सिलसिले में कुछ वरिष्ठ शिक्षकों एवं शोध छाओं का सुझाव एवं समालोचना उत्तम मार्गदर्शन का काम किया है। इस पुस्तक के लेखन में मुझे जिन लेखकों की कृतियों का सहारा लेना पड़ा है, उनके प्रति मैं काफी आभारी हूँ। इस कार्य में मुझे अपने परिवार के सदस्यों से भी जो सहायता प्राप्त हुई है, उसके लिए मैं उन सबों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। कहा न होगा कि श्री कमला शंकर सिंह जी, मैनेजर, मोतीलाल बनारसीदास, पटना ने इस संस्करण को सँवारने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है। आशा है पुस्तक का यह वर्तमान संस्करण छात्रों की आवश्यकताओं को हर तरह से पूरा करने में सक्षम होगा।