Adhunik Asamanya Manovigyan (Modern Abnormal Psychology in Hindi) by Arun Kumar Sinh
आधुनिक असामान्य मनोविज्ञान - अरुण कुमार सिंह
‘आधुनिक असामान्य मनोविज्ञान’ एक ऐसी पुस्तक है जिसकी आवश्यकता न केवल छात्रों को बल्कि शिक्षकों को भी है। इसमें मानसिक रोगों तथा उनसे संबंधित नवीनतर सिद्धान्तों का उल्लेख सरल एवं सुगम भाषा में किया गया है। इतना ही नहीं प्रत्येक मानसिक रोग की व्याख्या एक नैदानिक केस (clinical case) के माध्यम से की गई है ताकि छात्रों को संबंधित मानसिक रोग के लक्ष्णों एवं कारणों को समझने में विशेष मदद मिले।
प्रस्तुत पुस्तक में 25 अध्याय हैं जिनमें कई महत्त्वपूर्ण विषयों जैसे नैदानिक वर्गीकरण एवं मूल्यांकन (clinical classification assessment), असामान्य व्यवहार के सामान्य सिद्धान्त एवं मॉडल, असामान्य व्यवहार के कारण, स्वप्न, चिंता, विकृति (Anxiety disorder), मनोविच्छेदी विकृति, मनोदैहिक विकृति, वयक्तित्व विकृति, द्रव्य-संबंद्ध विकृति, मनोदशा विकृति (Mood disorder), मनोविदालिता, (Schizophrenia), व्यामोही विकृति, (Delusional disorder), मानसिक मंदन, (Mental retardation), मनश्चिकित्सा (Psychotherapy), जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों में सम्मिलित किया गया है। मानसिक रोगों का नैदानिक वर्गीकरण करने में DSM-IV तथा ICD-10 के नियमों का पालन करते हुए उसे बोधगम्य भाषा में प्रस्तुत किया गया है। छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए असामान्य मनोविज्ञान की प्रमुख घटनाओं तथा कुछ महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्नों (objective questions) को भी इस पुस्तक में सम्मिलित किया गया है।
पुस्तक के लेखन में मुझे जिन पुस्तकों एवं जनरलों की सहायता लेनी पड़ी, उनके लेखकों एवं प्रकाशकों के प्रति मैं अपना आभार व्यक्त किए हुए नहीं रह सकता हूँ। पुस्तक के लिखने के दौरान समयाभाव के कारण परिवार के सदस्यों की थोड़ी उपेक्षा भी हुई है। आशा करता हूँ कि वे इसे गंभीरता से न लेंगे।
अन्त में मैं श्री कमला शंकर सिंह, जो प्रकाशक मोतीलाल बनारसीदास के पटना शाखा के उच्चतम पद अर्थात् मुख्य मैनेजर के पद पर आसीन हैं, के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने समय-समय पर अपनी मीठी वाणी एवं वाक्पटुता से मेरा हौंसला बुलंद रखा।
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