Grahasth Jivan Mein Graho Ke Prabhav By N.S.Dahiya
गृहस्थ जीवन में ग्रहों के प्रभाव - एन.एस.दहिया
1 शीघ्र विवाह की स्थितियां
2 देर से विवाह की स्थितियां
3 अविवाहित रहने की स्थितियां
4 विवाह समय, समय, दुरी व् सुसराल की सामाजिक स्थिति5 शुक्र का विवाह व् विवाहित जीवन में प्रभाव
6 जीवन साथी का स्वभाव तथा चरित्र
7 सुखी विवाहित जीवन
8 दुखी विवाहित जीवन9 असामाजिक,बेमेल या प्रेम विवाह
10 विवाह विछेद या तलाक
11 जीवन साथी की मृत्यु, वैधव
12 एक से अधिक विवाह के संकेत
13 मांगलिक, कुजादोष के प्रभाव व् उपवाद
14 कुंडली मिलाप व् इस की सार्थक्ता
15 विवाह मुहूर्त व् नक्षत्र का प्रभाव16 पाश्चात्य ज्योतिष पद्धति में विवाह सम्बन्ध
17 हस्त रेखाये तथा विवाहित जीवन
भाग -2 स्त्री गुण स्वभाव परिचय :
18 लग्न व् चंद राशि से स्त्री स्वभाव
19 त्रिशांश आधारित गुण स्वभाव
20 लग्न आधारित गुण स्वभाव
21 द्रितीय, तृतीय, चतुर्थ, पंचम, व् षष्ट भाव आधारित गुण स्वभाव
22 सप्तम व् अष्टम भाव आधारित गुण स्वभाव
23 नाम, दशम, एकादश, व् द्वादश भाव आधारित गुण स्वभाव
24 जन्म नक्षत्र आधारित गुण स्वभाव 25 प्रथम ऋतु स्त्राव व् अन्य शरीर-लक्षण
भाग-3 संतान सम्बंधित विषय :
26 संतान उत्पति की सम्भावनाये
27 संतान उत्पति में सहायक ग्रह स्थितियां
28 देर से अथवा चिकत्सा आदि के बाद संतान होना।29 संतान हीनता, गॉद लेना, व् गृह-नाश योग आदि
30 दतक पुत्र, पौष्य पुत्र आदि।
31 यौन व्याधि नपुंसकता, बांझपन आदि
32 पुत्र या पुत्री होने का योग33 संतान से सम्बंध
34 गर्भ धारण, गर्भावस्था, गर्भपात
35 प्रसूति सम्बंधित विषय
36 अवैध, उपेक्षित, अपंग व अस्वस्थ शिशु।
37 बालारिष्ट सारणियाँ व् परिशिष्ट
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