भारतीय ज्योतिष - डॉ नारायणदत्त श्रीमाली भारतीय ज्योतिष विशव का सर्वाधिक प्राचीन एवं महत्वपूर्ण विग्यान है। जहां अन्य सभी विग्यान वर्तमान के परिणामों को ही स्पष्ट कर पाते हैं, वहां ज्योतिष, भूत और वर्तमान को समेटते हुए, भविष्य के गर्भ में भी सफलतापूर्वक झाँकता है। फलस्वरूप, जो परिणाम प्राप्त होते हैं, उनसे मानव-जाति सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य तक पहुंच सकती है। ज्योतिष विघा से यह जाना जा सकता है कि मनुष्य का पूर्व जीवन किस प्रकार का था तथा इस जीवन में जो वह भोग रहा है, उसके पीछे कौन-से संचित कर्म हैं, जिनके कारण उसे इस जन्म में अनुकूल अथवा प्रतिकूल जीवन भोगना पड़ रहा है। इसके साथ ही, वह किस प्रकार के कार्य करे, ताकि उसका भवतष्य पूर्णतः अनुकूल एवं सन्तुलित बना रह सके। ज्योतीष शास्त्र के माध्यम से ही व्यक्ति अपने पूर्व और आगामी जीवन में संतुलन स्थापित कर सका है। 'ओरिएंट पेपरबैकस' ने मेरी पुस्तक 'भारतीय ज्योतिष' को नयी सज-धज के साथ प्रकाशित किया है। पुस्तक के प्रारम्भ में दो नये अध्याय दिये गये हैं, जो अत्यन्त सारगर्भित हैं तथा पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। मुझे विश्वास है कि मेरे पाठक इससे लाभान्वित होंगे।