Sakshatkar Mein Safalta Ke 71 Sutra by Lav Kumar Sinh
कौन कहता है कि आप प्रतिभाशाली नहीं? आपके अंदर काबिलियत जरूर है, जिसके बल पर आप लिखित परीक्षा में जरूर कामयाब हो जाएंगे, लेकिन साक्षात्कार में सब कुछ जानने के बावजूद आप नर्वस हो गए तो क्या होगा? अक्सर लोग योग्य होने के बावजूद साक्षात्कार में असफल हो जाते हैं, उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है। इसकी दो खास वजह हैं- एक, साक्षात्कार की पहले से तैयारी नहीं करना। दो, साक्षात्कार के दौरान सहज नहीं रह पाना। ये दोनों जरूरी चीजें एक-दूसरे से जुड़ी हैं। अगर उम्मीदवार पहले से साक्षात्कार की तैयारी करेगा तो उसमें सहजता और आत्मविश्वास तो आ ही जाएगा।
प्रस्तुत पुस्तक “साक्षात्कार में सफलता के 71 सूत्र”, साक्षात्कार यानी इंटरव्यू के दौरान सहजता और आत्मवि’वास विकसित करने के मकसद से तैयार की गई है। बिना तैयारी के कोई भी उम्मीदवार अपने अंदर बैठे साक्षात्कार के डर को दूर नहीं कर सकता। इस पुस्तक में बहुत सरल शैली में साक्षात्कार के डर से लेकर साक्षात्कार की तैयारी, साक्षात्कार के दौरान उम्मीदवार के पहनावे और बरती जाने वाली सावधानियों पर चर्चा की गई है। इसके अलावा साक्षात्कार के दौरान पूछे जाने वाले कॉमन सवालों और विभिन्न क्षेत्रों से जुडे़ विशेष सवालों की जानकारी दी गई है। सिविल सेवा के साक्षात्कार की तैयारी पर अलग से एक अध्याय दिया गया है। अंत में कुछ अटपटे व रोचक सवालों पर भी प्रकाश डाला गया है।
जाहिर है, आज की प्रतिस्पर्द्धा के दौर में किसी भी उम्मीदवार का चयन साक्षात्कार के बिना नहीं होता। साक्षात्कार की तैयारी कर रहे हर उम्मीदवार के लिए यह पुस्तक बहुत ही उपयोगी है। हिन्दी भाषा में अपने ढंग की यह एक-मात्र पुस्तक है।
इस पुस्तक को नौ भागों में विभक्त किया गया है- साक्षात्कार का डर, साक्षात्कार की तैयारी, साक्षात्कार का पहनावा, साक्षात्कार के कॉमन सवाल ------------------------
इस पुस्तक की खास बात यह है कि यह क्लर्क की नौकरी के साक्षात्कार में जितनी मदद कर सकती है, उतनी ही सिविल सेवा की परीक्षा में भी काम आ सकती है। निजी कंपनियों के लिए साक्षात्कार के लिए यह जितनी उपयोगी है, उतनी ही सरकारी नौकरियों के लिए भी लाभदायक है।
लिखित परीक्षा में किसी उम्मीदवार के केवल किताबी ज्ञान का पता चल पाता है, लेकिन यदि व्यक्ति का व्यक्तित्व जानना हो तो साक्षात्कार यानी इंटरव्यू की जरूरत पड़ती है। इसीलिए साक्षात्कार किसी भी नौकरी की चयन प्रक्रिया का सबसे महत्त्वपूर्ण पड़वा बन जाता है। किसी नौकरी को प्राप्त करने के लिए लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार होता है तो किसी में सीधे साक्षात्कार के जरिए ही चयन किया जाता है। अनेक युवा प्राय: लिखित परीक्षा में आसानी से सफलता प्राप्त कर लेते हैं, मगर साक्षात्कार उनके लिए एक बड़ी बाधा बन जाता है, जबकि साक्षात्कार कोई अजूबी घटना या प्रक्रिया नहीं होती। किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा मौखिक रूप से उम्मीदवार के बारे में जानने का प्रयास ही साक्षात्कार होता है। निश्चिय ही साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं। यह जानने की प्रक्रिया यानी साक्षात्कार का एक उद्देश्य होता है। इस उद्देश्य के तहत उम्मीदवार के आत्मविश्वास, सहजता, निर्णय लेने की क्षमता, सामूहिक रूप से काम करने की योग्यता, समन्वय, मानसिक सतर्कता, काम के प्रति उसकी रुचि, ईमानदारी, नेतृत्व क्षमता, विचारों की स्पष्टता, उसकी तर्कसंगति, सामाजिक दायित्व और आसपास के माहौल की समक्ष परख की जाती है।
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