Bhartiya Rajniti Ke Do Aakhyan (1920 Se 1950 Tak) By Priyamvad भारतीय राजनीती के दो आख्यान - प्रियंवद भारत की स्वाधीनता के दृष्टि से १९२० से १९४७ का समय अत्यंत सक्रिय,उत्तेजक आउट महत्वपूर्ण काल-खंड है । देश का जनमानस जहाँ गांधी के साथ खुद को जोड़ रहा था,वहीं वामपंथी गांधी,गांधी-दर्शन और उनके मजबूत सिपहसालारो को खारिज करने की कोशिश कर रहे थे । उधर १९२० के बाद से ही हिन्दू संगठन 'हिन्दू राष्ट्र' की परिकल्पना के साथ संगठित हो रहे थे । ये लोग हमेशा सरदार पटेल को अपने से जोड़ते रहे।