Premchand Ki Zabtshuda Kahaniyan (Hindi) by Munshi Premchand विश्व के महान कथा - शिल्पी प्रेमचंद का ‘सोज़े वतन’ कहानी - संग्रह अचानक सन् 1910 में अंग्रेज़ सरकार द्वारा ज़ब्त कर लिया गया और तत्काल जला भी दिया। बस, यहीं से उन्हें अपना नाम बदल कर प्रेमचंद रखना पड़ा, ताकि अंग्रेज़ सरकार से छिपाव बरत कर उसके खि़लाफ़ अपनी लेखनी के तेवर दिखाते रहें। यह उनकी देश - भक्ति की मिसाल थी। उन्होंने अपनी तरह से ग़ुलामी के खि़लाफ़ लड़ाई लड़ी। सन् 1932 में उनकी कहानियों की किताब ‘समर - यात्रा’ भी प्रतिबंधित हो गई थी। यह संकलन उन्हीं दोनों किताबों का इकट्ठा संस्करण है, ताकि कथा - रसिकों के साथ शोधार्थी और अध्येता भी इसका लाभ उठा सकें।