RAVINDRA NATH TAGORE KI LOKPRIYA KAHANIYAN रवींद्रनाथ टैगोर की श्रेष्ठ कहानियाँपुलिस ने आकर जोरों से तहकीकात करनी शुरू कर दी। आस-पास के लगभग सभी लोगों के मन में यह बात घर कर गई थी कि चंदा ने ही जिठानी की हत्या की है। सभी गाँववालों के बयानों से ऐसा ही सिद्ध हुआ।पुलिस की ओर से चंदा से जब पूछा गया तो उसने कहा, ‘‘हाँ, मैंने ही खून किया है।’’‘‘क्यों खून किया?’’‘‘मुझसे वह डाह रखती थी।’’‘‘कोई झगड़ा हुआ था?’’‘‘नहीं।’’‘‘वह तुम्हें पहले मारने आई थी?’’‘‘नहीं।’’‘‘तुम पर किसी किस्म का अत्याचार किया था?’’‘‘नहीं।’’इस प्रकार का उत्तर सुनकर सब देखते रह गए।छदामी एकदम घबरा गया। बोला, ‘‘यह ठीक नहीं कह रही है। पहले बड़ी बहू...’’-इसी पुस्तक सेनोबेल पुस्कार विजेता, विश्व-प्रसिद्ध साहित्यकार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की कहानियों से चुनी नई श्रेष्ठ कहानियों का संग्रह। आशा है, पाठक इन कहानियों के माध्यम से गुरुदेव के कहानीकार रूप का दिग्दर्शन कर सकेंगे।