Yog Vigyan (Adhyatmik) By Swami Vivekanand
योग विज्ञान - स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद ने अपने छोटे से जीवनकाल में अनेक देशो की यात्राएँ करके भारतीय संस्कृति,सभ्यता और अपने देश के पौराणिक ग्रंथो में वर्णित सुविचारों का प्रचार किया । वे अपने व्याख्यानों में हमेश भारत के मुलभुत ग्रंथो की चर्चा करते रहे। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए उनका मानना था कि शरीर के बाह्य अवयवों का संयम में होना अनिवार्य है और इन अवयवो को संयत करने के लिए हमें अपने अभ्यंतर से ही प्रयास करना होगा,इसीलिए उन्होंने 'योग विज्ञानं' के माध्यम से इसकी शिक्षा देना समुचित समझा ।
प्रस्तुत पुस्तक में योग के साधन - ध्यान,चित्त की एकाग्रता ,श्वास-निश्वास-क्रिया आदि विविध क्रियाओ का विस्तृत वर्णन किया गया है।