Swadeshi Chikitsa Saar By Dr.Ajit Mehta (Hindi)
स्वदेशी चिकित्सा सार - डॉ.अजित मेहता
डॉ अजीत मेहता द्वारा लिखित "स्वदेशी चिकित्सा सार " का प्रथम संस्करण का प्रकाशनसन 1984 में हुआ था । तब से लेकर अब तक " स्वदेशी चिकित्सा सार " का एक प्रामाणिक पुस्तक के रूप में सर्वत्र स्वागत हुआ है और लेखक को व्यापक प्रशंसा मिली है । नौ महीनों के अल्पकाल में ही पुस्तक का द्वितीय संस्करण छपना ही पुस्तक की लोकप्रियता का पर्याप्त प्रमाण है । इस पुस्तक की यह विशेषता है की इस पुस्तक में एक रोग के लिए ढेर सारे नुस्खों के स्थान पर प्रायः एक रोग का प्रमुख औरर अचूक इलाज अपने वैकल्पिक इलाज और सहायक उपचार तथा आवश्यक हिदायतों के साथ प्रस्तुत किये गए हैं जिससे की सामान्य व्यक्ति को उपयुक्त ओषधि के चयन में कोई कठिनाई न हो ।
इसके अतिरिक्त रोगों से बचाव और योगासन-प्राणायाम अध्याय जोड़कर लेखक ने इस पुस्तक की उपयोगिता और बढ़ा दी है । पाठकों से निरंतर प्राप्त ढेर सारे प्रशंसा पत्र औरर अनुभव इसकी लोकप्रियता का साक्षात प्रमाण है । यह पुस्तक चिकित्सा जगत में एक उच्च स्तर पुस्तक साबित हुई है और पाठकगण इसे स्वास्थय संजीवनी समझकर न केवल इसे उपहार में देकर गौरवान्वित और आनन्दित महसूस कर रहे हैं बल्कि स्वदेशी चिकित्सा सारपुस्तक पढ़कर व इसमें दिए गए सरल व सुगम नुस्खों से लाभान्वित होकर अपने अनुभव भेजकर लेखक को निरंतर प्रोत्साहित भी कर रहे हैं ।
विशेष आकर्षण
क ) लेखक के 30 साल से भी अधिक शोधपूर्ण अध्ययन ,मनन, चिंतन एवं अनुभवों का निचोड़ ।
ख ) ढेर सारे अपूर्ण और अव्यवहारिक नुस्खों के स्थान पर प्रायः एक रोग का प्रमुख और अचूक इलाज़ अपने वैकल्पिक इलाज और सहायक उपचार तथा आवश्यक हिदायतों के साथ प्रस्तुत ।
ग ) तृतीय अध्याय - "रोगों से बचाव" और चतुर्थ अध्याय -"योगासन- प्राणायाम" अपने आप में अनमोल भेंट ।
घ ) (1) शक्तिप्रदायक (Tonics) के विज्ञापनों के पीछे भागने और भ्रमित होने वालों के लिए स्वदेशी शक्तिवर्धक औषधियों पर लिखा गया है " शक्तिप्रदायक" (Tonics) नामक पंचम अध्याय, (2) महिलाओं के सौंदर्य रक्षा के लिए "सौंदर्यवर्धक स्वदेशी प्रयोग" नामक छठा अध्याय , (3) नशा-मुक्ति, नशा - चिकित्सा, जहरीले जीव जंतुओं के काटने पर विष चिकित्सा आदि विषयों पर लिखा गया ' नशा-विष चिकित्सा" नामक सातवाँ अध्याय और (4) पुस्तक में दिए गए प्रयोगों से चमत्कारिक रूप से लाभान्वित होने वालों द्वारा प्राप्त अनुभवों के रूप में "स्वदेशी चिकित्सा सार के अनुभव" नामक आठवां अध्याय एवं " और नए अनुभव तथा नए प्रयोग" नामक नवमा अध्याय - सभी अध्याय आपको मन्त्र-मुग्ध किये बिना नहीं रहेंगे ।
ङ ) अपने ही देश के त्रिकालदर्शी ऋषि- महर्षियों , सूक्ष्मदर्शी आयुर्वेदाचार्यों, सेवाभावी महात्माओं और चिकित्सकों द्वारा जन-साधारण के कल्याण और आरोग्य के लिए अविष्कृत एवं विकसित , भारत के सर्वथा अनुकूल-एक भारतीय चिकित्सा पद्वति |
च ) रोग दबाने की बजाय जड़-मूल से नष्ट करने और पूर्ण आरोग्य प्रदान करने में सक्षम,शताब्दियों से निरंतर प्रयुक्त, अनुभूत, विशवसनीय, जानी एवं परखी स्वदेशी औषधियां ।
छ ) घर और आसपास में सस्ती और सहज उपलब्ध,खाने-पीने और रोजमर्रा काम में ली जाने वाली सामग्री से घर बैठे औषधि तैयार कर सकने योग्य होने के कारण, साधारण व्यक्ति को अस्पतालों व डॉकटरों के चक्करों, विभिन्न डॉक्टरी जांच एवं अनावश्यक परीक्षणों तथा अनेकानेक परेशानियों से बचने वाली जन-हितकारी पुस्तक ।
डॉ.अजित मेहता द्वारा लिखित अन्य कल्याणकारी पुस्तके
स्वदेशी चिकित्सा के चमत्कार : (रोगों के सफल स्वदेशी इलाज-प्रमाणिक अनुभव)
सूरज किरण चिकित्सा
अहिंसक चिकित्सा पद्धतियाँ : ( स्वर-चिकित्सा ,स्वमूत्र-चिकित्सा ,मुद्रा चिकित्सा , प्राणायाम चिकित्सा द्वारा चमत्कृत कर देने वाले बिना दवा के इलाज )
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