Sukshma Vikaro Par Vijay
सूक्ष्म विकारो पर विजय
सरश्री
विकार यानी मन की नकारात्मक भावनाएँ। रावण के दस चेहरों की भॉंति मन के भी दस भयानक रूप हैं, जैसे गुस्सा, बोरडम, तुलना, निराशा, अहंकार, डर, लालच, नफ़रत, ईर्ष्या और द्वेष आदि। इस पुस्तक में आप मन के अनेक विकारों के अलावा, मन के तीन सूक्ष्म विकारों को विस्तार से जानेंगे और उनसे मुक्ति का मार्ग भी प्राप्त करेंगे। ये सूक्ष्म विकार हैं - मोह, अहंकार और बोरडम। ये तीन विकार बाकी सारे विकारों को बल देते हैं। यह पुस्तक विकारों के दुष्चक्र को तोड़ने के लिए तथा हर इंसान को विकाररहित बनाने के लिए लिखी गई है।