सिद्ध यंत्र संग्रह - आचार्य अशोक सहजानन्द Siddh Yantra Sangrah By Ashok Sahjanand तांत्रिक और वैदिक खंड 'यंत्र विद्या ' हमारे प्राचीन ऋषियों की कठोर साधना से प्राप्त एक अनुपम देन है. स्वयं से सुसुप्त शक्तियों के जागरण में यंत्रो की विशेष भूमिका रहती है सभी धर्मो एवं सम्प्रदायों में सुख-समृद्धि के लिए यंत्रो की उपासना प्रचलित है। इस ग्रन्थ में 'यंत्र विद्या' से संबंधित प्राय: सभी पक्षों पर सारगर्भित विवेचन किया है। ऐसे अनेक यंत्रो की साधना का विवेचन इस पुस्तक में है जो आपके जीवन की विषमताओं के समाधान एवं मनोकामना की पूर्ति में निश्चित रूप से सहायक सिद्ध होंगे। साधना विज्ञान में ‘यंत्र साधना’ का विशिष्ट महत्त्व है। जिस प्रकार से देवी-देवताओं की प्रतीकोपासना की जाती है और उसमें सन्निहित दिव्यताओं, प्रेरणाओं की अवधारणा की जाती है, उसी प्रकार ‘यंत्र’ भी किसी देवी या देवता के प्रतीक होते हैं। यंत्र विधा ' हमारे प्राचीन ऋषियों की कठोर साधना से प्राप्त एक अनुपम देन है। स्वय में सुसुप्त शक्तियों को जागरण में यंत्रो की विशेष भूमिका रहती है। वैदिक एव तांत्रिक वाड्मय में यंत्रो के माध्यम से आराधना का सूक्ष्म निर्देश है। सभी धर्मो एव संप्रदायों में सुख-समृद्धि के लिए यंत्रो की उपासना प्रचलित है। अधिकारी विद्वान तथा प्रामाणिक साधक आचार्य अशोक सहजानंद जी ने इस ग्रन्थ में ' यंत्र विधा' से संबंधित प्राय : सभी पक्षों पर सरगभिर्त विवेचन किया है। ऐसे अनेक यंत्रो की साधना का विवेचन इस पुस्तक में है जो आपके जीवन की विषमताओ के समाधान एव मनोकामना की पूर्ति में निशिचत रूप से सहायक सिद्धि होगे।