Siddh Tantra Sangrah By Ashok Sahjanand
इस पुस्तक में तंत्र के विषय में व्याप्त भ्रांतियों का निराकरण करते हुए तंत्र के रहस्यों की मीमांसा हो। 'तंत्र - विधा ' से संबधित प्राय: सभी पक्षों पर सागभिर्त विवेचन है। जीवन में व्याप रही विसंगतियों और सामाजिक जीवन में फ़ैल रहे विकारों से त्राण पाने के लिए विविध प्रयोग संकलित है। ऐसे अनेकों दुर्लभ प्रयोग मिलेंगे जो सामान्यत: पुस्तको में नहीं मिलतें। अधिकारी विद्वान एव प्रामाणिक साधक आचार्य अशोक सहजानन्द जी का पाठकों को एक विशिष्ट उपहार।