सत्य के प्रयोग भारत की धरती ने एक ऐसा महान मानव पैदा किया जिसने न केवल भारत की राजनीति का नक्शा बदल दिया अपितु विश्व को सत्य, अहिंसा, शांति और प्रेम की उस अजेय शक्ति के दर्शन कराए जिसके लिए ईसा या गौतम बुद्ध का स्मरण किया जाता है। गांधी जी का धर्म समूची मानव-जाति के लिए कल्याणकारी था। उन्होंने स्वयं को दरिद्र नारायण का प्रतिनिधि माना। गांधीजी का विश्वास था कि भारत का उत्थान गांवों की उन्नति से ही होगा। इनके लिए सत्य से बढ़कर कोई धर्म और अहिंसा से बढ़कर कोई कर्तव्य नहीं था। गांधीजी संसार की अमर विभूति हैं।