Sanhita Jyotish (Hindi) by Mahendra Nath Kedar संहिता ज्योतिष प्रथम अध्याय में सूर्य तथा चंद्रग्रहण तथा उनका पृथ्वी पर पड़ने वाले परिणामों की चर्चा की गई है I द्वितीय अध्याय में भूकंप के कारणों तथा प्रभाव की कई उदाहरणों द्वारा चर्चा की गई है l इन दो अध्यायों के बारे में पढ़कर विधाता की सृष्टि को नमन करने की भावना जागृत हो जाती है l तृतीय अध्याय में सवंतसर तथा उसकी केबिनेट के मंत्रियो के पदों की चर्चा की गई l प्रयत्न है कि विषय प्रवेश सरल होता जाए l चतुर्थ अध्याय में ज्योतिषीय मौसम विभाग के अंतर्गत ऋतुओ तथा ग्रहो के सम्बन्ध कि चर्चा की गई है l वर्षा ऋतू की विशेष चर्चा जैसे अतिवृष्टि, अनावृष्टि, बाढ़ादि की भविष्यवाणी करने के तरीको की चर्चा की है l अनेक उदाहरणों द्वारा द्वारा सूत्रों की प्रमाणिकता दिखाई गई हैl पंचम अध्याय में बाज़ार भावों, शेयर बाजार, व्यापारियों के मार्ग दर्शन आदि के सूत्र उदाहरण सहित दिये गए है l छठे अध्याय में सबसे कठिन व् नीरस प्रतीत होने वाला विषय है जिसमे राजनीतिक घटनायें, प्राकृतिक घटनायें, राष्ट्र उन्नति, राष्ट्र के सम्मुख आने वाली चुनौतियों की भविष्यवाणियों के ज्योतिषीय सूत्रों की चर्चा विस्तार से की गई है l अनेकों उदाहरण देकर सूत्रों की सूची भी स्थान - स्थान पर दी गई है ताकि पाठक स्वय भी उनकी ग्रह स्थिति देखकर सूत्रों की सार्थकता का परीक्षण करे और ऋषियों की कृति के लिए आभार प्रकट करे