Parivar Prabandhan (Hindi) by Pandit Vijayshanker Mehta
परिवार प्रबंधन - विजयशंकर मेहता
क्योंकि परिवार ही आपके जीवन का आधार है
गृहस्थी और संसार एक - दूसरे से जुड़े हुए हैं I दुनियादारी में जो काम होते हैं उससे पारिवारिक जीवन प्रभावित होता ही है I एक काम करने का अभ्यास करें - हमारे भीतर भी एक दुनिया है जिसे अध्यात्म ने स्वलोक नाम दिया है, स्वलोक यानि अपने अन्तः करण का संसार I यहाँ उतरते ही हम अपनी आतंरिक शक्तियों को पहचान लेंगे I
परिवार का आधार है प्रेम I प्रेम के करण ही भारत के परिवार लम्बे समय तक रह सके I कारण, दया, सहानभूति और अपनापन - ये सभी प्रेम के विभिन्न रूप हैं I इन चारों का प्रयोग कर अब भी परिवार बचाए जा सकते हैं I मामला संसार का हो या परिवार का, प्रबंधन का एक नियम है कि आपके अधीनस्थ या सहायक आपका कहना तभी मानेंगे या आपके निर्णयों को तभी स्वीकार करेंगे जब उन्हें यह भरोसा हो कि आप उनसे अधिक योग्य हैं तथा समय आने पर आप उनका सही मार्गदर्शन कर सकेंगे I
हम कितने ही बड़े हो जाएँ, हमारा अहंकार कितना ही प्रतिष्ठित हो जाए, हम संसार को कितना ही जान लें, परन्तु हमारे मूल व् उद्गम, माता - पिता के सामने हमें झुकना ही है I क्योंकि कोई भी, कभी भी अपने उद्गम से पर नहीं जा सकता I बीज कभी भी वृक्ष से बड़ा नहीं होता I परिवार में किया गया आचरण सर्वाधिक महत्तवपूर्ण होता है क्योंकि इसमें पूरे परिवार का जीवन और बच्चों का भविष्य छिपा होता है I
|