Padhaye To Aise Padhaye By Subhash Jain पढ़ाएँ तो ऐसे पढ़ाएँ - सुभाष जैन समाज के आधुनिकीकरण तथा शिक्षा के बदलते स्वरूप में छात्रों को पढ़ाने के लिए विशेष कौशल और दक्षता की आवश्यकता है। विश्व में तकनीकी विकास, सोशल मीडिया, इंटरनेट, टी.वी., वीडियो गेम्स ने छात्रों को न केवल एकाकी बना दिया है, बल्कि भ्रमित कर भटकाव की स्थिति में ला खड़ा किया है। विश्वस्तरीय परिवेश में छात्रों का खरा उतरना एक चुनौती है, जिसके लिए अच्छे मार्गदर्शक शिक्षक की अनिवार्यता आवश्यक हो गई है। यह पुस्तक जीवन-मूल्यों और आदर्शों पर केंद्रित शैक्षणिक पद्धति विकसित कर आज के छात्रों का सर्वांगीण विकास करने के व्यावहारिक सूत्र बताती है। छात्रों के मनोविज्ञान और उनकी अध्ययनशीलता को समझकर पठनरुचि विकसित करनेवाली प्रैक्टिकल हैंडबुक है यह पुस्तक।