Organic Anubhav (With Vcd)
ऑरगैनिक अनुभव : अपनी क्षमता पहचानो
सरश्री
असत्य का दूसरा पहलू या अनमोल वरदान
सत्य क्या है...? असत्य का दूसरा पहलू..! मात्र भ्रम...! या कुछ और...! जो दिखाई दे रहा है, क्या वह सत्य है? या फिर सत्य दिखाई नहीं देता?
आज जिसे हम सुख कहते हैं, कल वही गले का फंदा बन जाता है। आज जो नापसंद है, कल वही पसंद आने लगता है। क्या सत्य क्षणिक है? क्या हर क्षण का सत्य अलग-अलग है? क्या ‘समय’ को सत्य कहा जा सकता है? लेकिन वह भी तो हर पल बदलता रहता है?
जिसे हम सत्य समझते आए, वह कहीं मन का खेल तो नहीं? क्या यही सत्य है कि कुछ भी सत्य नहीं? फिर.... शाश्वत सत्य क्या है? क्या शाश्वत सत्य का अनुभव हो सकता है?
इस पुस्तक में कहानियों और उपमाओं के माध्यम से इसी शाश्वत सत्य की ओर इशारा किया गया है। वह सत्य जिसे शब्दों में बताना संभव नहीं।
जो लोग सत्य अनुभव के लिए एक अरसे से भटक रहे हैं, उनके लिए यह पुस्तक स्मृति चिन्ह, सत्य संकेतक है; स्व अस्तित्व का एक अनमोल वरदान, ऑरगैनिक अनुभव है।
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