Maun Samadhi: Sufi Bodh-Kathaon Par Pravachan सूफी बोध - कथाओं पर प्रवचन सदी के महान गुरु, दिव्य दृष्टा और तत्वज्ञानी ओशो ने सूफ़ी बोध - कथाओं पर अपने प्रवचनों में उन दरवेशों के अंतर्ज्ञान और बाह्य जगत के साथ उनके सरोकारों को समाहित किया है और उदाहरण सहित व्याख्याएं प्रस्तुत की हैं। वह कहते हैं - ...एक फ़क़ीर या सद्गुरु सत्य दिखा सकता है, जहां तुम पहंुच सकते हो। वह उस मार्ग की ओर संकेत कर सकता है और मन को निर्मल करने की विधियों को बता सकता है। तुम्हारे मन के संदेहों से मुक्त करके अंदर के कोलाहल को वश में करवा सकता है। तुम्हारे अंदर निरंतर चलने वाली अंतर्वार्ता को रोकने में सहायता करता है, ताकि शांत और मौन रहकर सत्य को खोज सको। सत्य सब जगह मौजूद है, केवल चित्त को शांत और मौन रखना होगा। ओशो ने अंतर्यात्रा के आरंभ होने के बारे में बताया है कि तुम्हारे अस्तित्व में परमात्मा की पहली झलक तभी दिखेगी, जब तुम प्रेम करना सीख जाओगे। इसके लिए कानों को ‘बंद कर लो’ और ‘मौन हो जाओ’, मौन की समाधि में चले जाओ।