महावीर वाणी भाग 1 महावीर एक बहुत बड़ी संस्कृति के अंतिम व्यक्ति हैं, जिस संस्कृति का विस्तार कम से कम दस लाख वर्ष है। महावीर जैन विचार और परंपरा के चौबीसवें एवं अंतिम तीर्थंकर हैं- शिखर की, जहर की आखिरी ऊंचाई, और महावीर के बाद वह लहर और वह सभ्यता वह संस्कृति सब बिखर गई। आज उन सूत्रों को समझना इसीलिए कठिन है, क्योंकि पूरा का पूरा मिला, वह वातावरण जिसमें वे सूत्र साथ थे, आज कहीं भी नहीं है। प्रस्तुत पुस्तक में प्रथम एवं द्वितीय पर्युषण व्याख्यानमाला के अंतर्गत ओशो द्वारा महावीर पर दिए गए 27 प्रवचनों का संकलन हैं।