खुशी का रहस्य आजकल किसी का हाल-चाल पूछा जाए तो अनगिनत समस्याएं सुनने को मिलती है। किसी की तबीयत ठीक नहीं तो किसी को नौकरी नहीं मिल रही है तो कोई अपने बॉस से दु:खी है। जबकि सच तो यह है कि न तो हमें दु:खों से पीछा छुड़ाने की आवश्यकता है और न ही सुखों के पीछे भागने की। खुशी का रहस्य दु:ख में सुख की अनुभूति का मूलमंत्र देती है। लेखक तेजगुरु सरश्री के अनुसार कोई भी घटना सुखद या दु:खद नहीं होती, बल्कि उसका हमें सुखी या दु:खी करना इस बात पर निर्भर करता है कि हम उसका कैसे विश्लेषण करते है। यह किताब दु:ख की प्रवृत्ति समझाते हुए हमें उसके कारणों और निवारण-उपायों तक ले जाती है।