ज्योतिष रत्नाकर - देवकीनन्दन सिंह Jyotish Ratnakar (Hindi) by Devkinandan Sinh वैसे तो पूरा विश्व तरंगों से बना है। सूक्ष्म तरंगों से लेकर ब्रह्माण्डीय तरंगों का उल्लेख किया गया है लेकिन देवकीनन्दन सिंह की ज्योतिष रत्नाकर पुस्तक में मनुष्य के जीवन को खूबसूरती से आठ तरंगों में विभाजित कर फलित ज्योतिष को विस्तार से समझाया गया है। ज्योतिष पढ़ने के शुरूआती दौर में अगर यह पुस्तक हाथ लग जाए तो समझिए कि आपने आधा रास्ता आसानी से तय कर लिया है। तीन प्रवाह, आठ तरंग और 1100 पृष्ठ