Insaniyat Ke Funde by N. Raghuraman आज हर कोई औरों से भिन्न होना चाहता है। अच्छा मनुष्य बनना अलग बात है, क्योंकि अच्छे लोगों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। अच्छे लोगों के कम होते जानेवाली दुनिया में अच्छा होना सचमुच अलग बात है। इसलिए अच्छे बनिए। कुछ हटकर अपना जीवन जिएँ और मानवता और इनसानियत के नए मुकाम हासिल करें। इस पुस्तक में बताए कुछ फंडे हैं— बुजुर्ग हमारी संपत्ति हैं या जिम्मेदारी, इसका फैसला खुद हमें ही लेना होगा। यदि नई पीढ़ी इन अनुभवी लोगों को अकेले में जीने-मरने के लिए छोड़ती है तो यह उसकी निरी मूर्खता है। जब हम छोटे थे तो वे हमारी संपत्ति थे, फिर बड़े होने पर वे हमारे लिए भार कैसे बन सकते हैं? यदि आप मकान को घर बनाना चाहते हैं तो ईंट-गारे से बनी इस इमारत में अपनी भावनाओं का भी थोड़ा निवेश करें। भवन की दीवारों को स्मृतियों की अदृश्य तसवीरों से सजाएँ। फिर देखिए, भवन खुले दिल से आपको अपनाएगा। अगर आपके भीतर समाज की बेहतरी के लिए काम करने का जज्बा है तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप जेल में हैं या जरूरतमंदों के बीच; आप कहीं भी रहते हुए ऐसा कर सकते हैं। अपने विनम्र व सुखद व्यवहार से आप दुनियाभर में दोस्त बना सकते हैं। इन दोस्तों की फौज समय आने पर आपकी मदद ही करेगी। यदि आप समाज का हित किसी भी माध्यम से करना चाहते हैं तो कोशिश कीजिए कि समाज के अंतिम व्यक्ति को उसका लाभ मिले। मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है। श्री रघुरामन ओजस्वी, प्रेरक और प्रभावी वक्ता भी हैं; बहुत सी परिचर्चाओं और परिसंवादों के कुशल संचालक हैं। मानसिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करने तथा व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधिकतम इस्तेमाल करने के उनके स्फूर्तिदायक तरीके की बहुत सराहना होती है।