Hriday Rogiyon Ke Liye 201 Ahaar Tips by Dr. Bimal Chhajer हृदय रोगियों के लिए 201 आहार टिप्स - डॉ. बिमल छाजेड़ यह पुस्तक उन सभी लोगों के लिए उपयोगी है जो या तो रोग से ग्रस्त हैं या उनके लिए भी जो स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहते हैं। आज भारत में हृदय रोगियों की संख्या 6 करोड़ से भी अधिक है और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो एक चिंता का विषय है। हृदय-रोग के विकास के लिए उत्तरदायी पन्द्रह प्रमुख कारणों में से कम से कम दस कारण आहार से जुड़े होते हैं। रक्त नलिकाओं में ब्लॉकेज (अवरोध) बनाने वाले दो मुख्य तत्वों-कोलेस्ट्रॉल व ट्राईग्लिसराईड (वसा) की आपूर्ति हमारे शरीर में आहार के माध्यम से ही होती है। रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा एवं एल. डी. एल. कोलेस्ट्रॉल का स्तर-आहार द्वारा प्रभावित होता है।
ये समस्त तथ्य आहार संरचना की अनिवार्यता पर सुझाव देते हैं ताकि रक्त नलिकाओं में विकासशील ब्लॉकेज (अवरोध) को रोका या मुक्त किया जा सके। आहार संरचना के विषय पर प्रायः लोग सहमत होते हैं। किन्तु अधिकांश लोगों को हृदय विशेषज्ञों द्वारा आवश्यक सलाह नहीं मिल पाती। बहुत से लोग आहार विशेषज्ञ के पास जाते हैं किन्तु ‘आहार चार्ट’ लेकर वापस आ जाते हैं, जिसका शेष जीवन में पालन संभव नहीं हो पाता। लेकिन यह पुस्तक उन सभी लोगों के लिए उपयोगी है जो या तो रोग से ग्रस्त हैं या उनके लिए भी जो स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहते हैं। इसमें आदर्श आहार से संबंधित उनके प्रश्नों का समुचित उत्तर दिया गया है। आहार संबंधित प्रश्नों जैसे–कैलोरी की गणना, आहार संरचना, विभिन्न खाद्य-पदार्थों में वसा की मात्रा के साथ-साथ हृदय के लिए क्या अच्छा एवं क्या बुरा होता है–का उत्तर सरल एवं स्पष्ट भाषा में दिया गया है।
सुप्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बिमल छाजेड़ का दावा है कि हृदय की धमनियों में आई रुकावटों के लिए बाइपास सर्जरी आवश्यक नहीं है। यह कोई स्थाई समाधान नहीं देती। वर्तमान में इस रोग से ग्रस्त रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इस रोग का मुख्य कारण तनाव है। हृदयरोग से ग्रस्त लोगों को अपने खान-पान का उचित ध्यान रखना चाहिए। योग एवं ध्यान जैसी पद्धतियों के द्वारा डॉ. छाजेड़ ने अनेक रोगियों को इस भयंकर रोग से मुक्ति दिलाई है। वे रोगियों को बिना तेल का भोजन ग्रहण करने की सलाह देते हैं।
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