हिंदू संस्कृति Hindu Sanskriti (Dharma Sabhyata Parampara Evam Pratik) by Rakesh Gupta विश्व में हिंदू संस्कृति की विशेषताएं, उसकी विचारधाराएं और पौराणिक धरोहर उसे अन्य देशों की संस्कृतियों से विशिष्ट बनाती हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण यह संस्कृति भारत की पहचान बनी है और जिसे समूचा विश्व महत्त्व देता है संस्कृति का अविर्भाव अनायास नहीं होता, यह वर्षों की यात्र करती आती हैं और देश, समय, स्थिति के अनुसार विविध रूप धारण कर आगे बढ़ती है। समय के साथ-साथ संस्कृति में विविध तत्वों का समावेश होता रहता है। उसके सांस्कृतिक प्रतिमान स्वयं भी प्रभावित होते हैं और अन्यों को भी प्रभावित करते हैं। वस्तुतः सामाजिक विकास की प्रक्रिया ही सांस्कृतिक प्रतिमानों के परिवर्तन की प्रक्रिया होती है। भारतीय संस्कृति युगों-युगों से धर्म पर आधारित रही है, जिसने सदैव सद्आचरण, सद्व्यहार, सद्विचार, समन्वय आदि को आधार बनाया है। भारतीय संस्कृति का धर्म किसी पथ विशेष का परिचायक नहीं है, अपितु यह सत्य मार्ग का अनुसरण करने का उपदेशक है। इसीलिए भारत में ‘सत्यम् शिवम् सुंदरम्’, ‘सत्यमेव जयते’ आदि सद्विचारों का बोलबाला रहा है।