Guerrillas (Hindi Edition) by V.S.Naipual यह उपन्यास प्रशांत कैरिबियाई द्वीप पर आधारित है, जहां एशियाई, अमेरिकी, अफ्रीकी और पहले के ब्रिटिश उपनिवेशवादी एक मादक उन्माद में साथ-साथ रहते थे। गुरिल्लाज में उपनिवेशवाद और क्रांति के बारे में लिखा गया है। एक गोरा आदमी अपनी अंग्रेज रखैल के साथ आता है जो देशी ताकत और कामुकता से प्रभावित है, लेकिन अपने कामों के नतीजे से अनजान है। क्रांति के नेता के साथ वे मौत, यौनिक हिंसा और अध्यात्मिक दुर्बलता का एक आकर्षक, बांध लेने वाला नाटक रचते हैं। गुरिल्लाज में आम जीवन की खलबली का चित्रण है। उसका अंत निजी हिंसा में होता है। जगह और लोगों का जिस बेजोड़ गहराई से चित्रण हुआ है, वह कहीं और नहीं मिलता। उपन्यास में दुनिया की दशा के केंद्र में स्थित गहरी नैतिक जानकारी का चित्रण असाधारण आवेग के साथ किया गया है। यह किताब हिंसा के बारे में है। वह हिंसा इसकी ध्वनि तक में है। अगर आप यह पुस्तक बोल कर पढ़ें तो इसकी लय में निहित हिंसा को आप महसूस कर पाएंगे। वहां गुस्सा नहीं थी। सिर्फ हिंसा थी। वी.एस. नायपॉल 1932 में त्रिनिदाद में जन्मे भारतीय मूल के लेखक हैं। उन्हें बुकर पुरस्कार और 2001 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है। लेखन में वे अपनी साफगोई, चुटीले व्यंग्य और बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं।