DYODHI (URDU) - GULZAR कहानियों के कई रुख़ होते हैं। ऐसी गोल नहीं होतीं कि हर तरफ से एक ही सी नजर आएँ। सामने, सर उठाये खड़ी पहाड़ी की तरह हैं, जिस पर कई लोग चढ़े हैं और बेशुमार पगडंडियाँ बनाते हुए गुजरे हैं । अगर आप पहले से बनी पगडंडियों पर नहीं चल रहे हैं, तो कहानी का कोई नया रुख़ देख रहे होंगे। हो सकता है आप किसी चोटी तक पहुँच जाएँ।