Draupadi (Hindi Edition) by Kajal Oza Vaidya
भरे राजदरबार में द्रौपदी ने कुरुवंश के अनेक बड़े-बुजुर्गों और दुर्योधन से सवाल पूछा था, ‘‘मेरे पति पहले मुझे हारे थे कि अपने आपको?’’ तब उसका अपमान किया गया था। उसी द्रौपदी ने वर्षों तक निरंतर बिना कोई प्रश्न पूछे पाँच पतियों की सेवा की थी, इस बारे में कहीं किसी ने कोई उल्लेख तक नहीं किया है। समाज की यह संपूर्ण व्यवस्था स्त्री-विरोधी क्यों है?
स्त्री का स्वभाव एक ही पुरुष के साथ बँधकर रहना और सुरक्षा की अपेक्षा करना है, परंतु वह सहन कर सके, उससे अधिक अत्याचार अगर उस पर किए जाएँ तो उसमें से जागा विद्रोह सर्वनाश करता है। स्त्री का विद्रोह समाज को बदलता है, बदलने के लिए मजबूर करता है।
जिस प्रकार बीज को उगाने के लिए धरती में दबाना पड़ता है, उसी प्रकार दबाई हुई, कुचली हुई स्त्री जमीन फोड़कर अंकुर की तरह फूटती है, विकसित होती है और विशालकाय वृक्ष बन जाती है, जबकि पुरुष मिट्टी की तरह वहीं-का-वहीं रह जाता है।
प्रस्तुत पुस्तक में द्रौपदी के रूप में स्त्रियों की पीड़ा, उनकी मनोव्यथा, उनके सुख अथवा उनकी समझदारी की कथा उनकी जुबानी ही लिखी गई है। पर यह ‘द्रौपदी’ वर्तमान की है, ‘आज’ की है। अभी भी जी रही है—शायद हर स्त्री में! स्त्री-विषयक समस्याओं, विसंगतियों एवं विद्रूपताओं को विश्लेषित करती एक पठनीय कृति।
The Author: Kajal Oza Vaidya
काजल ओझा वैद्य गुजराती साहित्यिक जगत् का एक विशिष्ट नाम है, जिन्होंने मीडिया, थिएटर, टेलीविजन और रेडियो पर विविध भूमिकाएँ निभाई हैं।
केवल सात वर्षों में उन्होंने 56 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें उपन्यास, कहानी-संग्रह, कविता, निबंध, नाटक आदि शामिल हैं। गुजरात युनिवर्सिटी एवं अमेरिका और लंदन की युनिवर्सिटी में आप विजिटिंग फेकल्टी हैं। स्क्रीस्ट राइटिंग एवं ब्राडिंग के विषय पढ़ाती हैं। टेलिविजन के अनेक सफल सीरियल गुजराती एवं हिंदी में सफल धारावाहिक लिखे हैं। उनकी लिखी फिल्म ‘सप्तवदी’ देश-विदेश के फिल्म फेस्टिवल्स में सराही गई, उनके लिखे नाटक जैसे कि ‘परफेक्ट हसबंड’, ‘सिल्वर ज्युबिली’ के शो अमेरिका, लंदन, अफ्रीका और दुबई में हो चुके हैं।
उन्होंने अनेक लघु फिल्मों में दिग्दर्शन एवं अभिनय किया है।
‘प्रभात खबर’, ‘दिव्य भास्कर’, ‘गुजरात मित्र’, ‘फूलछाब-कच्छमित्र’, ‘मुंबई समाचार’ में उनके कॉलम अति लोकप्रिय हैं। ‘चित्रलेखा’ में उनके लिखे उपन्यास धारावाहिक रूप से चलते है।
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