Divaro Ke Saye Mein By Amrita Pritam
अमृता प्रीतम की इस कृति में संसार में नारी की स्थिति, पीड़ा, विडम्बना और विसंगतियों को मुखर किया गया है। इसमें वास्तविक नारी चरित्रों पर लिखी अनेक कहानियां भी हैं। जिनमें लेखिका ने समाज की और मन की दीवारों से आरंभ करके कारागार की दीवारों तक इन सभी में बंद स्त्री-पुरुषों का मार्मिक चित्रण किया है।
‘तिरिया जन्म झन देव’ या काहे को दीनो यह मनुआ रामजी, काहे दीनी यह काया