Chhaiya Chhaiya (Geet Sangrah) Bu Gulzar
छैयाँ छैयाँ - गुलज़ार
रोजगार के सौदों में जब भाव-ताव करता हु गानों की कीमत मागता हु-सब नज्मे आँख चुराती है और करवट लेकर शे'र मिरे मुह ढाँप लिया करते है सब वो शर्मिदा होते है मुजसे में उनसे लजाता हु। बिकनेवाली चीज नहीं पर सोना भी तुलना है तोले-माशो में और हीरे भी कैरेट से तोले जाते है। मै तो उन लम्हों की कीमत माँग रहा था जो में अपनी उम्र उधेड़ के, साँसे तोड़ के देता हु नज्मे क्यों नाराज है ?