भयमुक्त कैसे हों दुखों, चिन्ताओं, असफलताओं, अशान्ति और विपत्तियों को झेलते-झेलते व्यक्ति इतना कमजोर पड़ जाता है कि उसके मन में तरह-तरह के डर बैठ जाते हैं जो उसका जीना दूभर कर देते हैं। यह भय व्यक्ति की उन्नति और विकास में बाधा डालता है। इस पुस्तक में भय के तमाम कारणों की पड़ताल की गई है और उनसे छुटकारा पाकर निडर और साहसी बनने के उपाय सुझाए गए हैं।