बीमा के महागुरु - कनीनिका मिश्रा मुंबई की चाल में रहनेवाला एक युवक, एक छोटे शहर का स्टाफ ब्रोकर, एक साधारण सा बेंक क्लर्क, एक टौप बी स्कूल ग्रेजुएट, उच्च समाज से जुड़ा व्यक्तित्व और एक मारवाड़ी बिजनेसमेंन नौ करोड़पति बिजनेस मैनों में से है। जिन्हे इस पुस्तक में लिया गया है। मान्यता के उत्कट अभिलाषा मन में समेटे इन ९ स्त्री पुरुषों में अदम्य साहस और निश्चय था के वे नाम वे और दाम दोनो हाशिल कर पाएं. अपने नए व्यापार में थोड़ा सा निवेश कर, खून और पशीने को छोड़कर उन्होने इस इंडस्ट्री में जहां की रोजाना हजारो असफल होते हैं फलने फूलने के लिए, क्या किया? कैसे वे अस्वीकृतियों और अपने उद्देश्यो की प्रतिबध्दता के लिए टिके रहे? इन सुपर उपलब्धिकारो के ढूढ़ने, मिलने और उनकी योजनाओं का व्यक्तिगत तौर पर ब्योरा हासिल करने में कनीनिका मिश्रा के कई महीनो तक देश भर में घूमन पड़ा. अतुलनीय और असाधारण सेल्स सक्सेस के बात उनके प्रयासो की बदौलत ही तो सामने आई है।