Apni Ekagrata Kaise Badhaye By Vijay Prakash
अपनी एकाग्रता कैसे बढ़ाए - विजय प्रकाश
प्राचीनकाल से ही भारतीय शैक्षिक प्रक्रियाओं में एकाग्रता-विकास को बहुत महत्त्व दिया गया। आश्रमों में आचार्य अपने शिष्यों को विविध योगाभ्यासों के जरिए एकाग्रता के गुर सिखाते थे। आधुनिक शिक्षा-प्रणाली में एकाग्रता-विकास के इस महत्त्वपूर्ण पक्ष की पूरी तरह से उपेक्षा कर दी गई है। हमने बच्चों के ऊपर सूचनाओं का बोझ बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। नतीजतन बच्चों की उपलब्धि का स्तर नीचे आ गया है और वे महज रट्टू तोते बनकर रह गए हें। यदि हमें रटंत विद्या को छोड़कर सृजनवादी शिक्षा को प्रोत्साहित करना है तो यह आवश्यक है कि हम नवाचारी ढंग से सोचें। एकाग्रता-विकास में ही सृजनवादी शिक्षा की कुंजी है। बिना एकाग्रता के हम किसी कार्य में सफल नहीं हो सकते। सभी मनुष्य के लिए, चाहे वह दुनिया में किसी देश का निवासी हो या किसी पेशे में हो, एकाग्रता विकास की जरूरत रहती ही है। अतः यह आवश्यक है कि हम शिक्षा-पद्धति में एकाग्रता-विकास को सर्वाधिक महत्त्व दें। पुस्तक में एकाग्रता-विकास के तरीके भी सुझाए गए हैं। कक्षा में आसानी से खेले जानेवाले खेलों और संपन्न किए जानेवाले कार्यकलापों के संबंध में भी पर्याप्त सुझाव दिए गए हैं। इन्हें घर में भी किया जा सकता है। अतः यह पुस्तक केवल विद्यालय जानेवाले बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि विद्यालय नहीं जा सकनेवाले बच्चों के लिए भी उपयोगी है।