Anandmath (Hindi Book) by Bankimchandra Chattopadhyay
सदी की सबसे प्रेरक कथा, जिसे पढ़कर नौजवान आज़ादी की लड़ाई में शामिल हुए और देश को ग़्ाुलामी की जंजीरों से मुक्त कराया। बंकिमचन्द्र बंगला के महान् साहित्यकार थे, जिन्हें अपने जीवन काल में ही अपार ख्याति मिल गई थी और उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनन्द मठ’ ने तो उन्हें यश के शिखर पर पहुंचा दिया था। वही उपन्यास ‘आनन्द मठ’ आपके हाथों में है, जिसे गौरव का एक ऐसा अभूतपूर्व स्थान प्राप्त हुआ कि उसका ‘वंदेमातरम्’ नामक गीत ‘राष्ट्रगीत’ बन गया और आज़ादी के संघर्ष मंे जूझ रहे नौजवानों के होंठों की यह अनिवार्य गूंज बना। यही वह पहला उपन्यास है, जिसमें बंकिमचन्द्र ने अंग्रेजों की सत्ता को चुनौती देने वाले क्रान्तिकारियों की शौर्य - गाथा लिखी और भारतीयों को यह अहसास दिलाया कि आज़ादी उनका सबसे पहला हक़ है, जिसे पाकर ही दम लेना चाहिए।