आपका चीज़ मैंने हटाया - दीपक मल्होत्रा आपका चीज़ मैंने हटाया हमें याद दिलाती है कि हम मनचाही नई परिस्थितियाँ और वास्तविकताएँ बना सकते हैं, लेकिन सबसे पहले हमें गहराई में बसी इस धारणा को हटाना होगा कि हम किसी दूसरे की भूलभुलैया में चूहे से अधिक कुछ नहीं हैं।