Aao Bane Safal Vakta by Surya Sinha
जैसे कोई शिल्पकार किसी पत्थर को तराशकर एक खूबसूरत मूर्ति बना देता है, लेकिन उस पत्थर को तराशने से पहले ही वह अपने मन-मस्तिष्क में उस मूर्ति की तसवीर को मन की आँखों से देख चुका होता है। ठीक वैसे ही सफल वक्ताओं के कुछ बोलने अथवा भाषण देने से पूर्व ही पूरे भाषण का स्वरूप व विचार उनके मन-मस्तिष्क में अंकित हो जाते हैं, तत्पश्चात् वे धाराप्रवाह बोलते हैं। उन्हें याद करने के लिए रुकना या भटकना नहीं पड़ता और यही वह कला है, जिससे लोग सम्मोहित हो जाते हैं तथा वक्ता द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों को मानते हुए अपनी राह चुनते हैं, अपना मार्ग तय करते हैं। एक सफल वक्ता अपने जीवन को तो सफल बनाता ही है, अपने संपर्क में आए अन्य लोगों के जीवन को भी सफल बनाने का प्रयास करता है। ‘आओ, बनें सफल वक्ता’ किसी भी व्यक्ति के जीवन को ठीक इसी प्रकार सफलता के मुकाम पर ले जाने के लिए एक सफल वक्ता बनाने का प्रयास करती है।
यदि आप धाराप्रवाह, शुद्ध और स्पष्ट बोलने में सक्षम हैं, आपका भाषण या आपके बोलने की शैली शुद्ध तथा स्पष्ट है, आप अपने बोलने की प्रक्रिया में संतुलित उतार-चढ़ाव और उचित ताल-मेल पर पूरा ध्यान रखते हैं, तब आपके बोलने या भाषण देने में एक खूबसूरत प्रवाह आता है और आप एक सफल वक्ता कहलाते हैं। ‘आओ, बनें सफल वक्ता’ पुस्तक कुछ ऐसी ही शैलियों और तरीकों से भरी पड़ी है, जो आपको एक सफल वक्ता व सफल व्यक्तित्व बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
सूर्या सिन्हा अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त ‘मानव प्रशिक्षक एवं प्रेरक’ के रूप में स्थापित हैं। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत थिएटर व संप्रेषण कला के माध्यम से की और मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में फिल्म एडिटर के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने कई प्रसिद्ध बैनरों के लिए सीरियल एवं प्रचार-फिल्में बनाईं, जो सैटेलाइट चैनलों पर प्रसारित हुईं।
साथ ही लेखन के क्षेत्र में भी उन्होंने अपूर्व लोकप्रियता हासिल की। उनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में प्रमुख हैं—‘नेटवर्क मार्केटिंग : सवाल आपके, जवाब सूर्या सिन्हा के’, ‘क्या है नेटवर्क मार्केटिंग—जानिए’, ‘जीवन के प्रेरक’, ‘आई एम द विनर’ (अंग्रेजी में), ‘कैसे पाएँ सफलता नेटवर्क मार्केटिंग में’, ‘आओ बनें सफल वक्ता’, ‘अपनी याददाश्त कैसे बढ़ाएँ’, ‘लोक-व्यवहार’, ‘सफलता के अनमोल सूत्र’ आदि।
सूर्या सिन्हा सक्रिय सामाजिक भागीदारी के बीच समाज को ‘रक्तदान शिविर’, ‘बाल-जागरूकता शिविर’, ‘फ्री मेडिटेशन कैंप’, ‘शिक्षण शिविर’, ‘वृद्ध सेवा समूह’ आदि सेवाएँ भी प्रदान करते रहते हैं।
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