Sambhog Se Samaadhi Ki Aur - Osho संभोग से समाधि की ओर यह ओशो की सबसे चर्चित और विवादित किताब है, जिसमें ओशो ने काम ऊर्जा का विश्लेषण कर उसे अध्यात्म की यात्रा में सहयोगी बताया है। साथ ही यह किताब काम और उससे संबंधित सभी मान्यताओं और धारणाओं को एक सकारात्मक दृष्टिकोण देती है। ओशो कहते हैं 'काम पाप नहीं। यह भगवान तक पहुंचने का पहला पायदान है।' ओशो के संबंध में कुछ भी कहना कठिन है। कठिन ही नहीं असंभव है। हां उनकी विराटता की एक झलक उनके प्रकाशित अब तक के साहित्य में अवश्य मिला जाती है। प्रस्तुत पुस्तक ‘संभोग से समाधि तक की ओर’ में वे संभोग को ही परमात्मा की सृजन ऊर्जा मानते है तथा संभोग ऊर्जा आध्यात्मिक नियोजन कहते हैं।