नागाओ का रहस्य अमिश त्रिपाठी अमिश त्रिपाठी की भगवान शिव पर आधारित ट्रायोलॉजी सीरिज का पहला उपन्यास था 'मेलुहा के मृत्युंजय'। इस पुस्तक को खूबसूरत कल्पना के सहारे से देवों के देव महादेव को और वास्तविक रूप में दर्शाने का प्रयत्न कहा जा सकता है। कहानी एक प्राचीन देश मेलुहा की है, जो कई शताब्दी पहले भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया था। अमीश त्रिपाठी के शिव-त्रयी का दूसरा उपन्यास है 'द सीक्रेट ऑफ द नागाज'। इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा यह उपन्यास। 'द सीक्रेट ऑफ द नागाज' एक ऐसे रहस्यमय साम्राज्य से परिचय कराता है, जहां हर चीज ने मुखौटे पहने हैं और हर जगह कोई गहरा राज छिपा है। 'मेलुहा के मृत्युंजय' के अंत से इस उपन्यास का आगाज होता है। नागाज सती पर हमला बोल देते हैं और मेलुहा के रक्षक शिव अपनी पत्नी को बचाने में कामयाब होते हैं। नागाज जाते-जाते एक सिक्का छोड़ जाता है और उस सिक्के के दम पर शिव नागाज का रहस्य पता करने के लिए निकल पड़ते हैं। सती कार्तिक को जन्म देती है। एक अनोखे युद्ध में सती की रक्षा करने के लिए नागाज के सैनिक आ जाते हैं और यहीं मुलाकात होती है सती की अपने पुत्र गणेश और बहन काली से। यह नागा की रानी काली इस रहस्य को सुलझाती है या और उलझनें खड़ी करती हैं? यह पुस्तक पढ़कर जाना जा सकता है। उपन्यास को कम शब्दों में कहा जाए तो यह एक रोमांचक यात्रा है।